हरे पौधों की कटाई पर कानून सख्त, अधिकारी की लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई
नईदिल्ली, 25 सितंबर 2025 — भारत में हरे पौधों की अवैध कटाई भारतीय दंड संहिता की धारा 379 एवं 427 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध है। ऐसे अपराध को गंभीरता से लिया जाता है जिसमें जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा भी संभव है।सरकार यह भी स्पष्ट करती है कि किसी भी अधिकारियों द्वारा अपराधियों की रक्षा करना, कार्रवाई में लापरवाही करना या जालसाजी करना गंभीर अपराध है। ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक और कानूनी कार्यवाही की जाएगी, जिसमें सेवा से बर्खास्तगी, जुर्माना या जेल की सजा भी शामिल हो सकती है।हरे भरे पर्यावरण के संरक्षण में प्रशासन और अन्य अधिकारी पूरी गंभीरता और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करें। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।सभी नागरिकों से अपील है कि वे पर्यावरण की सुरक्षा करें और किसी भी अवैध कटाई की सूचना संबंधित अधिकारियों को जल्द करें।संदर्भ:भारतीय दंड संहिता, धारा 379, 427पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986अधिकारियों के कर्तव्य में लापरवाही पर अनुशासनात्मक कार्रवाई ���भारतीय न्याय संहिता (IPC) के अनुसार हरे पौधों की अवैध कटाई धारा 379 (चोरी) और धारा 427 (संपत्ति को नुकसान पहुंचाना) के तहत अपराध है। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 में भी पेड़ों की कटाई पर सख्त प्रतिबंध और दंड निर्धारित हैं। सजा के तहत जुर्माना और जेल की अवधि हो सकती है।यदि कोई अधिकारी इस प्रकार के अपराधियों के ऊपर कार्रवाई करने में लापरवाही करता है या उन्हें संरक्षण देता है, तो उस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार, कर्तव्य में लापरवाही और सरकारी नियमों का उल्लंघन के चलते अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें सेवा से बर्खास्तगी, जुर्माना, या जेल की सजा सम्मिलित हो सकती है।

Author: Chhattisgarhiya News
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