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गांव गांव में रेत माफिया  प्रशासन की निष्क्रियता से बढ़ रही है रेत तस्करी सैया भैया कोतवाल तो डर काहे का जब राजनांदगांव जिले में किसी भी रेत खदान को लीज नहीं तो फिर जगह-जगह रेत डंप कहां से हो रहा हैं

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गांव गांव में रेत माफिया  प्रशासन की निष्क्रियता से बढ़ रही है रेत तस्करी सैया भैया कोतवाल तो डर काहे का जब राजनांदगांव जिले में किसी भी रेत खदान को लीज नहीं तो फिर जगह-जगह रेत डंप कहां से हो रहा हैं
हेमंत वर्मा एक्सक्लूसिव पड़ताल

राजनंदगांव : सरकार आती है चले जाती है लेकिन व्यवस्था वही पुराने पैटर्न पर चलती है पूर्व में लगातार अवेध खनन गौण खनिज रेत  की तस्करी  मामलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी आए दिन कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलती थी लेकिन रेत तस्करी कि अगर बात किया जाए तो बीजेपी सरकार में सर्वाधिक नदियों का सीना चीरा गया है उसके बाद यह परंपरा भूपेश सरकार में भी जारी रहा है वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी ने पुनः जोरदार तरीके से वापसी किया है और ताबड़तोड़ तरीके से रेत की तस्करी पूरे छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर राजनांदगांव दुर्ग भिलाई धमतरी सभी जगह बेधड़क रूप से  सरकार के संरक्षण में चल रहा है विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुछ खदानों की लीज से प्रदेश सरकार को 100 करोड़ की राजस्व की प्राप्ति होती है परंतु रेत माफिया लगभग 900 करोड़ का सालाना व्यापार अवैध तरीके से कर रहे हैं जिसका कोई हिसाब किताब नहीं है आलम यह है कि किसी भी नदी में जाए अधिकारी से सेटिंग करो और जेसीबी और पोकलैंड मशीन लगाकर धड़ल्ले से उत्खनन करके नदी की दिशा बदल दो कोई रोकने वाला नहीं कोई टोकने वाला नहीं राजनांदगांव जिले का शिवनाथ नदी रेत तस्करों के लिए बेहद सुरक्षित माना जाता है इसके उद्गम स्थल से लेकर दुर्ग तक इसकी तस्करी रेत माफिया बाकायदा रैम्प बना कर करते हैं डोंगरगांव क्षेत्र में सर्वाधिक रेत की तस्करी का मामला सामने आया है तुमड़ीबोड जी रोड में दिनदहाड़े दिन भर लगातार बड़ी-बड़ी हाईवा गाड़ी से रेत मुरम और गिट्टी का परिवहन किया जा रहा है लेकिन मजाल है तहसीलदार और एसडीएम कार्रवाई कर दे सीधी सी बात है अभी तस्करी में कुछ हिस्सा अधिकारियों को भी जाता है यही कारण है कि अधिकारी भी खानापूर्ति की तरह ही कार्रवाई करते हैं बेहद आश्चर्य  की बात है कि रेत खदान को लीज में लेने के लिए लंबी चौड़ी प्रक्रिया होने के डर से रेत माफिया लीज में ना लेकर डायरेक्ट खनन करते हैं उसके बाद बाकायदा रेत डंप किया जा रहा है जबकि रेत डंप करने के लिए भी मायनिंग एवं पर्यावरण मंत्रालय से परमिशन लेना पड़ता है नियम कायदे को ताक में रखकर माफिया रेत डंप कर रहे हैं लेकिन अधिकारी सोए हुए हैं इससे बड़ी शर्मनाक घटना और कहीं नहीं हो सकती बारिश आने से पहले शिवनाथ नदी से ग्राम अरजुनी सुखरी रातापयली पैरी नदी से भानपुरी कोपेडीह खैरी इत्यादि जगहों से लगातार रेत की निकासी किया जा रहा है वर्तमान में पूरे क्षेत्र में नदी में अवैध रेत परिवहन से शासन को लाखों का रॉयल्टी नुकसान हो रहा है परंतु मायनिग और राजस्व विभाग को झांकने तक की फुर्सत नहीं है सरकार विभागीय अधिकारियों को लाखों रुपया पेमेंट दे रही है उसके बावजूद भी इन भ्रष्टाचार्यों की जेब खाली है और उसे भरने के लिए खनिज संसाधन का अवैध  दोहन करने के लिए छूट दे दिया गया है हेमंत वर्मा की कलम से

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Author: Chhattisgarhiya News

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