बतौली / क्षेत्रीय विधायक रामकुमार टोप्पो एवं सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर के द्वारा लगातार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार एवं बेहतर गुणवत्ता के साथ छात्रों के भविष्य संवारने के लिए प्रयासरत हैं परंतु धरातल पर कुछ और ही कहानी नजर आती है। शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं से विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग अधिकतर वंचित ही रह जाते हैं। पूरा मामला सरगुजा जिले के विकासखंड बतौली के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र आम पानी का है। जहां के पहाड़ी कोरबा जनजाति के सोमरू द्वारा अपने 7 वर्षीय पुत्र का एडमिशन पहाड़ी कोरबा छात्रावास बांसझाल में करवाना चाहता था परंतु बिडबाना यह है की वहां पदस्थ छात्रावास अधीक्षक से आज तक उसकी मुलाकात नहीं हो पाई बार-बार कोशिश करने के बाद आज वह 20 किलोमीटर दूर पैदल चलकर बतौली मुख्यालय आया हुआ था।
छात्रावास अधीक्षक से मुलाकात करने के लिए परंतु छात्रावास अधीक्षक से उसकी मुलाकात नहीं हो पाई और उसे जगह नहीं है एडमिशन नहीं हो सकता कहकर वापस भेज दिया गया। सरकार चाहे कितनी भी अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं बना लें परंतु धरातल पर उनका संचालन मनमानी तरीकों से ही किया जा रहा है जो योग एवं पात्र व्यक्ति सदैव शासन की योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। अब देखना यह है की खबर प्रकाशित होने के बाद शासन और प्रशासन इस पर क्या कार्यवाही करता है।
Author: Chhattisgarhiya News
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